The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

काम की बात Shiv chaisa श्रीराम शलाका मध्यप्रदेश एक्सप्लेनर क्राइम रामायण महाभारत फनी जोक्स चुटकुले

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥

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